Read this article in Hindi to learn about the structure of lizard, explained with the help of suitable diagrams.
(a) बगीचे की छिपकली- गिरगिट (The Garden Lizard-Calotes):
पहचान एवं वर्गीकरण:
घर एवं बाहर बगीचों या पेड़ों-लताओं पर बड़ी छिपकली के समान हरे रंग का गिरगिट एक जाना पहचाना जन्तु है । विभिन्न ऋतुओं में इसका रंग बदलता है । एक ही समय में पेड़ या दीवार के रंग के अनुसार भी यह अपना रंग बदल लेता है, इसीलिए इसे गिरगिट कहते हैं । इसका वर्गीकरण घरेलू छिपकली के समान होता है ।
जगत – जन्तु-जगत् (बहुकोशिकीय, विषमपोषी जन्तु)
संघ – कॉर्डेटा (भ्रूणावस्था में नोटोकॉर्ड एवं फेरिन्जियल गिल तथा जीवन पर्यन्त नलीनुमा पृष्ठ तन्त्रिका-तन्त्र उपस्तीत)
वर्ग – रेप्टीलिया (सूखी, कड़े शल्कों से ढँकी त्वचा, रेंगने वाले)
वंश – केलोटिस (Calotes)
टिप्पणी:
(1) गिरगिट झाड़ियों में रहने वाला लगभग एक फुट लम्बा अत्यन्त सक्रिय जन्तु है ।
(2) यह जिस स्थान पर रहता है लगभग उसी के समान अपना रंग बदल लेता है । इसके गले का रंग लाल होने से इसे रक्त-चूषक (blood sucker) भी कहते हैं ।
(3) इसकी त्वचा सूखी एवं शल्कयुक्त होती है ।
(4) शरीर सिर, गर्दन, धड़ एवं पूँछ में विभक्त रहता है । पूँछ अपेक्षाकृत अधिक लम्बी होती है । घरेलू छिपकली के समान ये अपनी पूँछ नहीं तोड़ सकते ।
(5) सिर छोटा आगे से नुकीला होता है । दो नासाछिद्र, दो नेत्र एवं नेत्रों के पीछे कर्ण-छिद्र होते हैं ।
(6) धड़ लम्बी एवं संकरी होती है । आगे दो अगली टाँगें एवं पीछे दो पिछली टाँगे होती हैं । अगली की अपेक्षा पिछली टाँगें थोड़ी बड़ी होती हैं । दोनों में पाँच-पाँच नखरयुक्त (clawed) उँगलियाँ होती हैं । धड़ के बीच के शल्क काँटों के समान उभरे होते हैं ।
(7) जनन-काल एवं शत्रु को डराने के समय नर का सिर बाजू से लाल रंग का एवं सिर पीला हो जाता है । नर मादा की अपेक्षा बड़े होते हैं । नर गिरगिट का रंग जननकाल में मादा की तुलना में अधिक चटकीला होता है । मादा कवचयुक्त अंडे देती है ।
(b) घरेलू-छिपकली (Wall Lizard):
टिप्पणी:
(1) यह आम घरेलू छिपकली है जो पुराने घरों, अटालों एवं बिना सफाई वाले स्थानों में रहती है ।
(2) यह निशाचर होती है एवं रात्रि में प्रकाश के लट्टुओं के आसपास मंडराते हुए कीटों का तेजी से भक्षण करती है ।
(3) यह साधारणतया काले, भूरे अथवा स्लेटी रंग की होती है । कभी-कभी गहरे काले धब्बे भी होते हैं । यह रंग बदलने की क्षमता भी रखती है ।
(4) शरीर शीर्ष, धड़ एवं पूँछ में विभक्त किया जा सकता है । शीर्ष एवं धड़ के मध्य एक ग्रीवा भी होती है ।
(5) शीर्ष बड़ा एवं तिकोनी किन्तु गोलाकार थूथनयुक्त होता है ।
(6) शीर्ष दोनों जोड़ी पादों की पादांगुलियाँ नखरयुक्त होती है ।
(7) यह बड़ी फुर्ती से दीवारों, छतों पर दौड़ती है ।
(8) नर छिपकली के जांघ पर ऊरू-छिद्र (femoral pores) होते हैं ।
(9) यह मनुष्य द्वारा घ्रणित प्राणी है, किन्तु आम धारणा के विपरीत यह विषहीन प्राणी होती है ।
(10) परोक्ष रूप से यह मनुष्य की मित्र है क्योंकि घर के कीटों का भक्षण करती है ।