Read this article in Hindi to learn about the structure of yeast, explained with the help of a suitable diagram.

पहचान एवं वर्गीकरण:

यीस्ट एक  सूक्ष्म फफूँद हैं जिसे सामान्य भाषा में खमीर कहते हैं ।

इनका वर्गीकरण निम्नानुसार है:

जगत् – फन्जाई-जगत् (क्लोरोफिल रहित, यूकैरियोटिक बहुकेन्द्रकी कोशिका, विषमपोषी)

डिविजन – एस्कोमाइकोटा (एस्कम द्वारा बीजाण्ड निर्माण)

वंश – सेकेरोमाइसिज (Saccharomyces) एक कोशिकीय शर्करा युक्त माध्यम से उत्पन्न होने वाले कवक ।

टिप्पणी:

(i) यह शर्करायुक्त कार्बनिक पदाथों, जैसे खजूर के रस, अंगुर के बगीचे की मिट्टी एवं अंगुर में बहुतायात से पाया जाता है ।

(ii) यह एक कोशिकीय होता है । आकार में अत्यन्त सूक्ष्म होता है ।

(iii) कोशिका अण्डाकार होती है । केन्द्रक में रिक्तिकाएँ होती हैं ।

(iv) कोशिका-द्रव्य में संचित पदार्थ एवं रिक्तिकाएँ होती हैं ।

(v) कोशिकाभित्ति दृढ़ काइटिन की होती है ।

(vi) अलैंगिक जनन मुकुलन एवं एस्कस निर्माण (ascus formation) द्वारा होता है ।

(vii) लैंगिक जनन कुछ जातियों में संयुग्मन द्वारा होता है ।

(viii) इसमें शर्करा को एल्कोहल में परिवर्तित करने का महत्वपूर्ण गुण होता है । इस क्रिया को किण्वन कहते हैं ।

(ix) पावरोटी (bread) का स्पंजी गुण यीस्ट के द्वारा उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड के कारण होता है ।

(x) यीस्ट में विटामिन भरपूर होने से इनका उपयोग औषधि के रूप में भी होता है ।

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