Read this article in Hindi to learn about the sub-aerial modifications of stems.
कुछ पौधों में शीघ्र वर्धी प्रजनन के लिए तने की निचली कलियाँ तने की पार्श्व शाखाओं को जन्म देती हैं । ये शाखाएँ शीघ्र वृद्धि करती हैं एवं इन्हें इनकी स्थिति व स्वभाव के अनुसार नाम दिये गये हैं ।
1. पिस्टिया (Pistia):
i. यह जलकुम्भी का अर्द्धवायवीय रूपान्तरित तना है ।
ii. इस तने को भुस्तारिका (offset) कहते हैं क्योंकि यह एक पतली शाखा के रूप में एक पत्ती के अक्ष में उत्पन्न होती है ।
iii. भूस्तारिका कुछ-कुछ दूरी पर ऊपर की ओर नई पत्तियाँ तथा नीचे की ओर जड़ों को जन्म देती है ।
iv. जड़ों के द्वारा यह भूमि में पकड़ मजबूत करती है ।
v. भूस्तारिका जनक पौधे से पृथक होकर नये पौधे को जन्म देती है ।
2. पुदीना (Mint):
i. यह पुदीने का अर्द्धवायवीय रूपान्तरित तना है जिसे अत: भूस्तार (sucker) कहते हैं ।
ii. यह मूल पौधे के तने के भूमिगत भाग से विकसित एक पार्श्व शाखा है । यह शाखा तिरछी ऊपर की ओर वृद्धि करती है तथा भूमि से बाहर निकलकर एक पत्ती को जन्म देती है ।
iii. शाखा कभी-कभी पृथक पौधे को भी जन्म देती है । पृथक होने पर इसमें तुरन्त जड़ें निकल आती हैं ।
iv. यह रूपान्तरण भी पौधे के वर्धी प्रजनन हेतु हैं ।
अन्य उदाहरण:
गुलदाउदी (Chrysanthemum), गुलाब, युका (Yucca)