Read this article in Hindi to learn about the structure of silkworm, explained with the help of a suitable diagram.

पहचान एवं वर्गीकरण:

यह एक पतंगा (माथ) है जो कि एक मध्यम आकार का कीट होता है ।

इसका वर्गीकरण निम्नानुसार है:

जगत – जन्तु-जगत् (बहुकोशिकीय, विषमपोषी जन्तु)

संघ – आर्थोपोडा (संधियुक्त टाँगें एवं शरीर की त्वचा काइटिन युक्त)

वर्ग – इन्सेक्टा (दो जोड़ी पंख एवं तीन जोड़ी चलने हेतु टाँगे एवं शरीर सिर वक्ष एवं उदर क्षेत्रों में विभक्त)

वंश – बॉम्बिक्स (Bombyx)

जाति – मोराई (mori)

टिप्पणी:

(1) यह मध्यम आकार का पतंगा होता है जिसका शरीर अपेक्षाकृत मोटा होता है । यह शहतूत की झाड़ियों पर पाया जाता है । रेशम केन्द्र पर प्राय: पाले जाने वाले रेशम कीट का वैज्ञानिक नाम बॉम्बिक्स मोराई     है ।

(2) इस पतंगे का लार्वा रेशम के धागे में लिपटकर प्यूपा में परिवर्तित होता है । जिन्हें कोष या ककून कहते हैं । इन्हीं ककून से रेशम प्राप्त करने के कारण ही इस पतंगे को रेशम का कीट कहते हैं ।

(3) इसका शरीर अन्य कीटों की तरह सिर, वक्ष एवं उदर भागों में विभक्त रहता है । शरीर पर रोम एवं शल्क होते हैं ।

(4) सिर पर एक जोड़ी शृंगिका (antennae), दो संयुक्त नेत्र तथा पराग चूसने योग्य मुखांग होते हैं ।

(5) वक्ष के तीन खण्ड होते हैं । मध्यम एवं पश्च खण्ड में एक-एक जोड़ी पंख होते हैं । वक्ष के प्रत्येक खण्ड में एक-एक जोड़ी टाँगे होती हैं ।

(6) इसके जीवन-चक्र में अंडा, लार्वा, प्यूपा एवं वयस्क अवस्थाएँ होती हैं । वयस्क मादा शहतूत की पत्तियों पर अंडे देती हैं । अंडों से निकली इल्ली या लार्वा पत्तियों को खाकर आकार में वृद्धि करते हैं । लार्वा पूर्ण वृद्धि प्राप्त कर पत्तियों को खाना बंद कर देते हैं एवं अपनी लार-ग्रन्थियों से चिपचिपा पदार्थ निकालना आरम्भ करते हैं । यही पदार्थ हवा से सम्पर्क में आने पर रेशम बन जाता है । लार्वा अपने चारों ओर इसी धागे को लपेटकर प्यूपा अवस्था में परिवर्तित होता है । कुछ समय पश्चात् शिशु पतंगा ककून (प्यूपा) को तोड़कर बाहर निकल जाता है । 3-4 दिन में ये वयस्क होकर ये पुन: अंडे देते हैं ।

(7) रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम केन्द्र पर इन कीटों को पाला जाता है एवं ककून से कीट बाहर निकलने के पूर्व रेशम का धागा निकाल लिया जाता है । इस प्रकार से यह कीट अत्यन्त आर्थिक महत्व का

है । एक ककून से लगभग 1000 से 1500 मीटर रेशम का धागा प्राप्त होता है ।