Read this article in Hindi to learn about the main defects of ear.

कान के प्रमुख दोषों में बहरापन एक सामान्य रोग होता है । इसमें कानों के द्वारा कोई भी ध्वनिसवेदना ग्रहण नहीं की जाती है । इसमें या तो कान की नली ही किसी कारणवश बन्द हो जाती है या अन्य किसी आन्तरिक कारणों से कान कोई भी ध्वनि-संवेदना नहीं ग्रहण कर पाते हैं ।

बहरे पन के निम्न कारण हो सकते हैं:

(i) किसी प्रकार का जख्म फोड़ा आदि हो जाने पर ।

(ii) लगातार लम्बे समय तक बहुत तेज आवाज सुनते रहने पर ।

(iii) श्रवण तन्त्रिका के निष्किय होने पर ।

(iv) कान की नियमित रूप से सफाई न करने पर ।

(v) कान में कोई कीड़ा या कोई और छोटी चीज के फँस जाने पर ।

(vi) किसी आन्तरिक अतिवृद्धि के कारण कान की नली का बन्द हो जाना ।

(vii) चोट लगने पर या किसी सींक आदि से कान का परदा फट जाने पर ।

इसके अतिरिक्त भी विभिन्न बीमारियों में कान बन्द हो जाते हैं, जैसे खाँसी टीन्सिल क्यू आदि ।

उपर्युक्त विषय-वस्तु के अन्तर्गत आपने कान से सम्बन्धित इसकी संरचना कार्यविधि तंत्रिकाएँ व दोष आदि के सन्दर्भ में अध्ययन सामग्री एवं रेखाचित्रों की सहायता से श्रवणेन्द्रियों की जानकारी प्राप्त की और समझा कि मानव जीवन में जिस प्रकार दृष्टि संवेदना का अति महत्व है, ठीक उसी प्रकार श्रवण संवेदना का भी महत्व है क्योंकि कोई भी मानव विभिन्न प्रकार की ध्वनियों को बिना सुने अपने प्रत्युतर देने में असहाय महसूस करता है ।

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