Read this article in Hindi to learn about the uses and maintenance of the compound microscope.
सामान्य नेत्रों से न दिखाई देने वाली वस्तुओं या रचनाओं का अवलोकन करने के लिए सूक्ष्मदर्शी का उपयोग किया जाता है । सामान्यतया 0.1 मि॰मी॰ से छोटी वस्तु को हमारे नेत्र नहीं देख पाते अत: इससे छोटी वस्तुओं को देखने में सूक्ष्मदर्शी सहायक होता है ।
हैंडलैंस भी एक तरह का सूक्ष्मदर्शी ही है । किन्तु इसकी आवर्धन क्षमता (magnifying capacity) अधिक नहीं होती । इसी प्रकार साधारण सूक्ष्मदर्शी (dissecting microscope) भी होते हैं, जिसमें केवल एक लेन्स का उपयोग होता है ।
जीव विज्ञान की प्रयोगशाला में प्राय: संयुक्त-सूक्ष्मदर्शी का उपयोग होता है । अत: यहाँ साधारण संयुक्त-सूक्ष्मदर्शी के विभिन्न अंगों की जानकारी उसके उपयोग की विधि एवं रख-रखाव की जानकारी दी जा रही
है ।
संयुक्त-सूक्ष्मदर्शी के विभिन्न भाग:
सूक्ष्मदर्शी को उसके बक्से से निकालकर उसे मुड़े हुए भाग अर्थात् (arm of microscope) से पकड़ें एवं दूसरे हाथ से आधार को सहारा देकर निकालें । अब उसे सावधानी से टेबल पर रखें एवं साथ में दिए गए चित्र के अनुसार विभिन्न भागों के नाम एवं उनके कार्य के बारे में जानकारी लीजिए ।
सूक्ष्मदर्शी को चार प्रमुख भागों में विभक्त किया जा सकता है:
(a) आधार (Base):
यह U-आकार का सबसे नीचे का भाग होता है जिस पर शेष सूक्ष्मदर्शी के भाग होते हैं । U के ऊपर एक खड़ा हिस्सा होता है जिसे स्तम्भ (pillar) कहते हैं । स्तम्भ के शीर्ष पर एक जोड़ होता है जिससे सूक्ष्मदर्शी का दूसरा मुख्य हिस्सा भुजा (arm) जुड़ा होता है । इस जोड़ को आनति जोड़ (inclination joint) कहते हैं । इसी जोड़ के कारण सूक्ष्मदर्शी को किसी भी कोण पर मोड़ा जा सकता है ।
(b) भुजा (Arm):
आधार के ऊपर धातु का मुड़ा हिस्सा जिससे सूक्ष्मदर्शी की बॉडी-ट्यूब जुड़ी होती है को भुजा कहते हैं । सूक्ष्मदर्शी को पकड़ने के लिए इसी भाग का उपयोग होता है । भुजा के आधार पर स्टेज जुड़ी होती है । भुजा के शीर्ष पर सूक्ष्मदर्शी की बाड़ी ट्यूब जुड़ी होती है एवं ट्यूब को एडजस्ट करने के लिए दो घुण्डी या नॉब (knobs) होते हैं- एक कोर्स एडजेस्टमेंट नॉब तथा दूसरा फाइन एजडस्टमेंट नॉब कहलाता है ।
(c) बॉडी-ट्यूब (Body tube):
भुजा के शीर्ष पर एडजस्टमेंट नॉब से जुड़ी बॉडी-ट्यूब होती है । इसके शीर्ष भाग पर एक लेंस होता है जिसे नेत्रिका (eye piece) कहते हैं । इस लेंस को आवर्धन की आवश्यकतानुसार बदला जा सकता है । इसके आधार पर एक दूसरा भाग ‘नोज-पीस’ (nose piece) होता है जिसमें विभिन्न आवर्धन क्षमता के दो, तीन या चार लेंस फिट करने की व्यवस्था रहती है ।
चूंकि जिस वस्तु को देखना होता है उसके ऊपर ही लेंस होते हैं, इन्हें अभिदृश्यक लेंस (objective lens) कहते हैं । अभिदृश्यक लेंस भी एक नलीनुमा बॉडी में फिट रहते हैं, जिन्हें अभिदृश्यक लेंस की बॉडी कहते हैं । नोजपीस में यही अभिदृश्यक लेंस बॉडी में फिट हो जाते हैं ।
(d) स्टेज (Stage):
बॉडी ट्यूब के नीचे भुजा के आधार से जुड़ी एक फ्लेटफॉर्मनुमा स्टेज होती है । स्टेज के मध्य में एक छिद्र होता है । स्टेज नीचे आधार से भी एक स्टैंड द्वारा जुड़ी होती है । स्टैण्ड से एक दर्पण जुड़ा होता है, इसे परावर्ती दर्पण (reflecting mirror) कहते हैं । स्टेज के नीचे प्रकाश की किरणों को व्यवस्थित करने हेतु संग्राही (condenser) एवं आयरिस डायफ्राम (iris diaphragm) होते हैं ।
परावर्ती दर्पण को प्रकाश के स्रोत की ओर एडजस्ट करके प्रकाश की किरणों को आयरिस डायफ्रॉम से गुजरने दिया जाता है । ये नियंत्रित किरणें स्टेज के छिद्र से निकलकर स्टेज पर रखी स्लाइड के ऊतक को प्रकाश प्रदान करती है ।
स्टेज पर दो क्लिप लगे होते हैं जिनकी सहायता से अवलोकन हेतु स्लाइड को स्टेज के छिद्र के ऊपर रखते हैं । स्लाइड रखने के पश्चात् बॉडी-ट्यूब को एडजस्टमेंट नॉब द्वारा ऊपर से नीचे खिसकाकर वांछित अभिदृश्यक लेंस को स्लाइड के ऊपर फोकस करते हैं एवं वस्तु जब स्पष्ट दिखने लगे तब उसका अध्ययन करते हैं ।
बॉडी-ट्यूब को एडजस्टमेंट नॉब द्वारा ऊपर से नीचे खिसकाकर वांछित अभिदृश्यक लेंस को स्लाइड के ऊपर फोकस करते हैं । बॉडी-ट्यूब के नेत्रिका (eye piece) पर एक नेत्र रखकर ही अवलोकन होता है । दूसरा नेत्र खुला ही होता है ।
ऐसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी को एकनेत्री संयुक्त-सूक्ष्मदर्शी (monocular compound microscope) कहते हैं । कुछ प्रकार के संयुक्त-सूक्ष्मदर्शी में एक की अपेक्षा दो बॉडी-ट्यूब होते हैं अत: दो ‘आई-पीस’ होते हैं एवं दोनों नेत्रों से वस्तु का अवलोकन होता है । ऐसे सूक्ष्मदर्शी को द्विनेत्री संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (binocular compound microscope) कहते हैं । अनुसंधान कार्यों हेतु प्राय: द्विनेत्री संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का उपयोग किया जाता है ।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का उपयोग कैसे करें ?
सूक्ष्मदर्शी को उपयोग करने के लिए सर्वप्रथम कोर्स एडजस्टमेंट नॉब से बॉडी-दयूब को स्टेज से पर्याप्त ऊपर खिसका लें । अब नोजपीस को घुमाकर सबसे कम आवर्धक शक्ति का अभिदृश्यक लेंस स्टेज के मध्य की सीध में कर लें । अब परावर्ती दर्पण एवं डायफ्रॉम को प्रकाश के स्रोत की ओर करके प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करें ।
अब जिस वस्तु को देखना है उसकी स्लाइड को स्टेज पर क्लिप की सहायता से रख लें । अब कोर्स एवं फाइन एडजस्टमेंट से फोकस कर स्लाइड का फोकस अवलोकन करें । कम आवर्धन से देखने के बाद नोजपीस घुमाकर अधिक आवर्धन क्षमता के लेंस वाले अभिदृश्यक लेंस का उपयोग भी कर सकते हैं ।
जिस वस्तु को देख रहे हैं उसे कितना आवर्धन चाहिए इस बात की जानकारी भी धीरे-धीरे अभ्यास से हो जाती है । नेत्रिका लेंस 5x, 10x या 15x के होते हैं । इसी प्रकार अभिदृश्यक या ऑब्जेक्टिव लेंस 4x, 10x, 40x के होते हैं । दोनों लेंस अर्थात् नेत्रिका एवं अभिदृश्यक का गुणनफल वस्तु का आवर्धन दर्शाता है ।
सूक्ष्मदर्शी का रख-रखाव:
सूक्ष्मदर्शी एक नाजुक एवं महँगा उपकरण होता है । अत: उसकी देखभाल ठीक करनी चाहिए । इसे हमेशा सीधा उठाकर लाना ले जाना चाहिए । उपयोग में लेते समय भी उसकी भुजा को यथासंभव मोड़ना (tilt) नहीं चाहिए ।
उपयोग कर चुकने के पश्चात् टिश्यु पेपर से लेंस को पोंछना चाहिए । यदि उच्च आवर्धन क्षमता वाले अभिदृश्यक लेंस का उपयोग किया है तब स्लाइड का अध्ययन करने के बाद नोजपीस घुमाकर कम आवर्धन क्षमता वाले अभिदृश्यक को स्टेज के छिद्र की सीध में ले आना चाहिए ।
अभिदृश्यक लेंस स्टेज से कम से कम एक से.मी. ऊपर होना चाहिए । उपयोग के पश्चात् सूक्ष्मदर्शी को उसके बॉक्स में रखना ठीक होता है । लेंस को पानी या अन्य रसायन लगने से बचाना चाहिए । टिश्यु पेपर के अतिरिक्त किसी कपड़े से लेंस को न पोंछें । एडजस्टमेंट नॉब एवं आनति जोड़ (inclination joint) पर वेसलीन लगाकर रखें ताकि उन पर जंग न लगे ।